जो जैसे दिखते है वो वैसे बहुत कम ही देखने को मिलते है-इंजीनियर लख्मीचंद यादव
जो जैसे दिखते है वो वैसे बहुत कम ही देखने को मिलते है-इंजीनियर लख्मीचंद यादव।
हमारे छेत्र चौबीसा बुलंदशहर का ग़ाज़ियाबाद में एक बहुत पैसे वाला व्यक्ति रहता था जो बड़े-बड़े टेंडर लेता था जिसके साथ कई गनर भी चलते थे हम सन 2006 में ग़ाज़ियाबाद में जहाँ किराए के मकान में रहते थे वो उस मोहल्ले में एक त्यागी बिल्डर के पास आया करता था तो त्यागी जी ने उसे एक दिन बताया कि आपके चौबीसा छेत्र के लख्मीचंद यादव हमारे मोहल्ले में किराए पर रहते है जो बहुत रुतबे वाले व्यक्ति है तो वो अभिमानी व्यक्ति बोला लख्मीचंद मेरा चेला है लख्मीचंद मुझे देखते ही सेल्यूट करता है।
बिल्डर त्यागी जी को उसकी बात पर संदेह हुआ तो एक दिन ये बात त्यागी जी ने हमको बताई तो हमको ये बात सुनते ही मन ही मन बहुत बुरी लगी तो हमने ये बात सुनकर त्यागी जी से कहा जिस दिन भी हमारे गुरु जी आपके पास आये तो उनसे आप हमारी मुलाकात जरूर करवाना आखिर हमको भी अपने गुरु जी के दर्शन करने है वो एक दिन फिर आया तो त्यागी जी ने चुपके से हमको फोन करके बुलवा लिया हमे देखते ही वो भौचक्का रह गया और हमे बड़े भैया कहकर वो प्रणाम करने लगा हमने त्यागी जी के सामने ही उसे बेज्जत कर उसको उसकी औकात बताई त्यागी जी भी उसकी भरी हवा को हमसे निकलवाना चाहते थे हमने पल भर में उसकी हवा को निकाल दिया।
साथियो इस तरह के और भी बहुत सारे बड़ बोले नमूने जरूर आपको मिलेंगे यदि ऐसे अहंकारी दिखावटी नमूने कही अपनी डिंग हांके तो उनके सामने ही आप हमें फोन लगाए हम उनके घमंड को आपके सामने ही चूर चूर कर देंगे।
ऐसे ही एक पत्रकार साथी ने भी हमको कुछ समय पहले इस तरह की एक बात बताई थी ऐसे हवा हवाई दो कौड़ी के लोग यदि कही डिंग हांके तो आप उनसे हमारी बात जरूर करवाना क्योंकि ऐसे लोगो की खैर खबर लेने में हम कभी देर नही करते।
आप देखे जब हमने दूसरी क्लास में पढ़ते वक्त अपने ही सरकारी स्कूल के हैड मास्टर का उसकी गलत हरकतों को देखकर ईंट मारकर उस वक्त सर फोड़ दिया था जब बच्चे मास्टरों के सामने क्लास में बोल भी नही पाते थे।
वही हमने तीसरी क्लास में पढ़ते वक्त इलाके के एक नामी ग्रामी बदमास को भरी पंचायत में उसका नाम उचालकर उसको पुलिस से पकड़वाया था जिसका उसके पीछे भी नाम लेने की किसी मे हिम्मत नही होती थी हमने तो उसको ही पकड़वा दिया था हम 8 साल की मासूम उम्र में ही चर्चित हो गए थे क्या कोई हमे अपना चेला कह सकता है?
मेने सन 2002 में यूपी के जहांगीराबाद में 20000 हजार के इनामी हिस्ट्रीशीटर बदमास को एक बारात में उत्पात मचाने पर उसे नाकुछ लोगो से इशारा करके बुरी तरह से पिटवा कर उसकी सारी गुंडई को समाप्त कर दिया था।
आप देखिए हमने जमीनी सपा नेताओं कार्यकर्ताओ की शिकायत पर सपा के दिल्ली और लखनऊ मुख्य कार्यालय पर छापा मारकर वहां जड़ जमाए बैठे धन्नासेठों के अहंकार को एक ही झटके में समाप्त कर दिया था।
आप देखिए हमने किसी भी संगठन में काम नही किया और हमने बिना किसी को गुरु बनाए व बिना किसी से सलाह लिए ही 16 फरवरी 2020 को भारतीय जनसेवा मिशन के नाम से संगठन गठित किया आज उसी भारतीय जनसेवा मिशन ने देश के समस्त संगठनों को धरातल पर काम करके धराशाई कर दिया है।
मुझे आगे बढ़ाने में,मुझे यहाँ तक पहुचाने में पहली है मेरी पूजनीय मां,व दूसरे है पावर में बैठे नोकरशाह/कर्मचारी जिन्होंने गलत होते हुए भी सदैव मेरा साथ देकर मुझे बड़े बड़े संकट से बचाया और मेरा हौसला बढ़ाया।
में दावे के साथ कह रहा हूँ यदि आप सबने मेरा साथ इसी तरह दिया तो में अन्नयाय,अत्याचार और केंशर कि तरह हर जगह तेजी से फैलते सामंतवाद और धन्नासेठों के राज को जड़ से समाप्त कर दूंगा।
संघर्ष और जनसेवा है हमारा लक्ष्य।
इंजीनियर लख्मीचंद यादव राष्ट्रिय अध्य्क्ष भारतीय जनसेवा मिशन