सुप्रीम कोर्ट ने 65 से 50 साल तक लंबित मामलों पर चिंता जताते हुए टिप्पणी की “कानूनी प्रक्रिया धीमी गति से चलने पर याचिका दाखिल करने वालों का मोहभंग हो सकता है”

 

 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की बेंच ने लंबित मामलों पर राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के देशव्यापी आंकड़ों का हवाला दिया और कहा कि इस मुद्दे से निपटने के लिए बार और बेंच के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में 50 साल से अधिक समय से लंबित कुछ पुराने मामलों का जिक्र करते हुए कहा, ‘कानूनी प्रक्रिया धीमी गति से चलने पर याचिका दाखिल करने वालों का मोहभंग हो सकता है। हम ने अपनी पीड़ा व्यक्त की है, जहां एनजेडीजी के अनुसार कुछ मुकदमे 65 साल से अधिक समय से लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की बेंच ने लंबित मामलों पर राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के देशव्यापी आंकड़ों का हवाला दिया और कहा कि इस मुद्दे से निपटने के लिए बार और बेंच के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है।

 

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में 50 साल से अधिक समय से लंबित कुछ पुराने मामलों का जिक्र करते हुए कहा, “कानूनी प्रक्रिया धीमी गति से चलने पर याचिका दाखिल करने वालों का मोहभंग हो सकता है। हमने अपनी पीड़ा व्यक्त की है, जहां एनजेडीजी के अनुसार कुछ मुकदमे 65 साल से अधिक समय से लंबित हैं।”

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