सच्चाई के रास्तें पर चलना बड़े फायदे की बात है क्योंकि इस राह पर भीड़ नही मिलती है ~ इंजीनियर लख्मीचंद यादव।

सच्चाई के रास्तें पर चलना फायदा की बात होती है क्योंकि इस राह पर भीड़ नही मिलती है ~ इंजीनियर लख्मीचंद यादव

 

वरिष्ठ पत्रकार संजय भाटी जी हमने छोटी सी उम्र से ही सच्चाई की राह पर चलना शुरू कर दिया था रास्ते में कितनी बड़ी-बड़ी रुकावटें आई व कितने दुश्मनों की फ़ौज हमको उस वक्त से ही घेरने में लगी उनकी गिनती भी सैकड़ो हजारो में हो गयी थी।

वही 12 साल की उम्र में ही हम पर संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हो गए लेकिन तब भी हमने उन सब से हार नही मानी हम बड़े-बड़े जोखिम लेकर बेखोफ होकर सच्चाई के मार्ग पर लगातार चलते रहे और सच्चाई के मार्ग पर चलते-चलते हमने अनेकों बार अपना बड़ा नुकसान भी किया लेकिन फिर भी इतनी बड़ी छति के बाद भी आज हम वहां पहुच गए जहां पहुच पाना भी मुमकिन नही है।

नोएडा के वरिष्ठ पत्रकार श्री संजय भाटी ने कल सोशल मीडिया के माध्यम से हमको कहा है कि हम नोएडा से ऑपरेट होने वाले टीवी चैनलों व अखबारों में हो रही पत्रकारिता पर अपने विचार व्यक्त करें आदरणीय संजय भाटी जी हम इन पर क्या विचार व्यक्त करें इन्होंने तो पत्रकारिता को ही यहां पर धन उघाई का धन्दा बनाकर शर्मसार कर दिया है नोएडा में हमको श्री संजय भाटी और श्री प्रमोद यादव से तीसरा सच लिखने वाला कोई निडर पत्रकार दिखाई ही नही पड़ता।

 

संजय भाटी जी नोएडा दिल्ली एनसीआर ही नही बल्कि पूरे देश के ज्यादातर पत्रकारों का यही हाल है ये सब अधिकतर पैसे के पीछे भाग रहे है या उलूल जुलूल बयांन देने वाले तटपुँजिया नेताओ के पीछे भाग रहे है ये सच कहने वालो के व सही काम करने वालो के नजदीक भी नही जाते बल्कि ये सच कहने वालों व सही काम करने वालो को ही झूठा विलेम लगाकर उन्हें पैसो की दलाली खाकर बदनाम करते है ये गलत लोगो की सच्चाई को जनता को टीवी चैनलो व अखबारों में हरगिज भी नही दिखाते।

आप देखिए हम अब तक 3 राष्ट्रिय स्तर के देश की राजधानी दिल्ली में बड़े प्रोग्राम कर चुके है हम हर वर्ष देश में विभिन्न-विभिन्न छेत्रो की 40 महान विभूतियों को खोजकर उन्हें निशुल्क अवार्ड देकर सम्मानित करते है बताओ कौनसा पत्रकार इनमे से हमारे प्रोग्राम को कवरेज करने पहुचा है किसने प्रोग्राम को टीवी पर चलाया? कमसे कम अच्छे हो रहे कार्यो को तो इनको चेनल व अखबारों में दिखाना चाहिए जिससे लोग अच्छे कार्य करने के लिए हमसे प्रेरित हो सके पर ये ऐसा करते ही नही है।जब हम लोगो की निस्वार्थ मदद करते है तो हम किसी को पैसा क्यो देंगे? इसलिए तो हमने आजतक अनेकों बार मांगने पर इनमे से किसी को अपना इंटरव्यू नही दिया है।

नोएडा एनसीआर ही नही बल्कि पूरे देश में हर दिन कोई ना कोई पत्रकार घुस लेता पकड़ा जा रहा है। वहीं कुछ पत्रकार घुस लेते वक्त लोगों से मार भी खा रहे हैं तो किसी को पुलिस हवालात में डाल दे रही है तो किसी के काले कारनामो को पत्रकार श्री संजय भाटी और श्री प्रमोद यादव जैसे निडर पत्रकार उजागर करते रहते हैं।

 

नोएडा एनसीआर में आज इन पत्रकारों ने अपने खर्चे इतने ज्यादा बढ़ा लिए है यदि ये ऐसा ना करें तो इनके खर्चे चलना भी बहुत मुश्किल है ये चाह कर भी अब दलाली को नही छोड़ सकते क्योंकि नोएडा एनसीआर में इस वक्त सिको बाजी बहुत ज्यादा है।

 

यही हाल आज सामाजिक संगठनों का भी है आज भारत मे 33 लाख से ज्यादा सामाजिक संगठन चल रहे है तब भी गरीब कमजोरो पर हर रोज बड़ी तादात में अन्याय अत्याचार हो रहा है क्योंकि ये 33 लाख सामाजिक संगठन नेता बनने व अपनी अपनी जेबो को भरने व दलाली मे लगे हुए हुए।आप देखिए आज हर गली हर मोहल्ले व हर गांव में एक राष्ट्रिय अध्यक्ष निवास करता है।आज संगठन भी परचून की दुकान की तरह हो गए है।

 

मात्र 22 महीनों में 302 किलोमीटर लखनऊ आगरा एक्स्प्रेसवे बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश जी के पिताजी ने भी राष्ट्र व समाज हित मे किसानों की फसलों पर लगने वाले कर चुंगी व आर्मी जवानों के पार्थिव शरीर को शहीद का दर्जा देकर व उनके मर्त शरीर को उनके परिवार को सुपर्द करके एक ऐतेहासिक फैसला लिया लेकिन इन फर्जी राष्ट्र भगतों ने तो तीनों भारतीय सेनाओं को ही अग्निवीर बना दिया है । आज किसी भी अग्निवीर मर्त फौजी को शहीद का दर्जा नही मिल रहा हैं बल्कि उन शहीदों के पार्थिव शरीर को प्राइवेट एम्बुलेंस के जरिए उनके साथी अग्निवीर ही उनके पीड़ित परिवारों को सुपर्द कर रहे हैं। फिर ये कैसे राष्ट्र भगत हुए? जो अपने देश की खातिर अपनी जान को गंवा रहे हैं। ये फर्जी राष्ट्र भगत तो उनके भी नही हुए ये देश की जनता के कैसे होंगे ?

मीडिया दलाली की वजह से इनके फर्जी राष्ट्रवाद की देश की जनता को सच्चाई नही बता रहा है।याद रहे जो दूसरों को रुलाता है एक दिन वक्त भी उनको जरूर-जरूर रुलाता है। यह कटु सत्य है, आने वाला वक्त भारतीय जनसेवा मिशन का है।

आप यदि डर से डरोगे तो कुछ बड़ा कैसे करोंगे।

नेताजी सुभाषचंद्र बोष, सरदार भगतसिंह, सरदार उधमसिंह, चन्द्रशेखर आजाद, महात्मा गांधी, डॉ भीमराव अंबेडकर,राममनोहर लोहिया,जयप्रकाश नारायण, चौधरी चरणसिंह और मुलायम सिंह यादव को जब तक याद किया जाता रहेगा। जब तक ये दुनिया जीवित रहेगी क्योंकि इन महान विभूतियों ने काम ही कुछ ऐसे किए हैं।

संघर्ष और जनसेवा है हमारा लक्ष्य।

इंजीनियर लख्मीचंद यादव राष्ट्रिय अध्य्क्ष भारतीय जनसेवा मिशन सम्पर्क-9927530581

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