राजेश भाटी और रामकिशोर निवासी लडपुरा की हत्या के मामले में तीन हत्यारों को सश्रम आजीवन कारावास
ब्यूरो रिपोर्ट।
गौतमबुद्धनगर। मेरठ जिला न्यायालय ने ग्रेटर नोएडा के ऑक्सफोर्ड ग्रीन पब्लिक स्कूल सिरसा के प्रबंधक राजेश भाटी और उनके साथी रामकिशोर निवासी लडपुरा की हत्या के मामले में तीन हत्यारों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। तीनों पर दो लाख बीस हजार का अर्थदंड लगाया गया है। साक्ष्यों के अभाव में पांच अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया। मामले की सुनवाई मेरठ जिला न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय पहलाद सिंह ने की।
सिरसा स्थित आक्सफोर्ड ग्रीन पब्लिक स्कूल के प्रबंधक राजेश भाटी व उनके दोस्त रामकिशोर की 4 सितंबर 2011 को बुलाकर गोली मारकर हत्या कर दोनों के शवों पर तेजाब डाल कर घोड़ी और मायचां गांव के बीच एक नाले में फेंक दिया था। पुलिस द्वारा कई दिनों की मशक्कत के बाद शवों को बरामद किया गया था।
हत्या के मुख्य आरोपी टीकम ने राजेश भाटी से तीन करोड़ रुपए उधार ले रखें थे। जिनके लेन देन के लिए राजेश व रामकिशोर को बुलाकर अपहरण कर हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में मुख्य आरोपी टिकम भाटी निवासी डाढा राजेश भाटी का रिश्तेदार था। इसके अलावा जितेंद्र, सुभाष, कृष्ण, कविंद्र, प्रवीण, मनोज व सतेंद्र उर्फ सेठी भी मामले में आरोपी थे। सभी के खिलाफ सूरजपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई। सूरजपुर में रिपोर्ट इस वजह से दर्ज हुई थी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर सभी को गिरफ्तार किया गया था।
राजेश भाटी के रिश्तेदार टिकम भाटी निवासी डाढा की नियत तीन करोड़ रुपए को लेकर हो गई थी। टिकम भाटी ने उधार की रकम वापस करने के बजाय अपने साथियों के साथ मिलकर राजेश व उसके दोस्त की हत्या कर दी।
सुरक्षा कारणों से केस को उच्च न्यायालय के आदेश पर मेरठ जिला न्यायालय ट्रांसफर हुआ था। सुनवाई के दौरान कुल 12 गवाह पेश हुए। गवाह एंव साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने टीकम भाटी, जितेंद्र व सुभाष को दोषी मानते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
राजेश भाटी के बड़े भाई एडवोकेट राकेश भाटी का कहना है कि वे फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट जाएंगे। जिन लोगों को बरी किया गया है, उनकी भी घटना में भूमिका रही है। घटना में शामिल एक आरोपित की मौत हो चुकी है। एक आरोपी के नाबालिग होने की वजह से बाल सुधार गृह में ट्रायल चल रहा है।
इस मामले में राजेश भाटी के बड़े भाई एडवोकेट राकेश भाटी ने कहा कि जिस तरह की घटना को हमारे परिवार ने सहन की है। हम चाहते हैं कि ऐसा किसी के साथ न हो। राजेश भाटी की हत्या के बाद से न्याय के लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान परिजन अक्सर खौफ में रहते थे। राजेश की मौत के बाद उनकी पत्नी नूतन भाटी स्कूल के संचालन में लगी हुई।