“सुप्रीम न्यूज के संपादक और उनकी टीम” ग्राम सलारपुर जाकर “हिंद की जमीन” समाचार पत्र के “संपादक इसहाक सैफी” प्रकरण का हल तलाशेंगे

राजा मौर्या 

नोएडा। नोएडा आजकल पत्रकारों को लेकर चर्चा में बना हुआ है।  दैनिक हिंद की जमीन के संपादक इसहाक सैफी ने इंसाफ न मिलने और पुलिस की कार्यशैली से आहत हो कर पुलिस कमिश्नर दफ्तर पर 30 मई को आत्मदाह करने का निर्णय लिया।

वरिष्ठ पत्रकार इसहाक सैफी का कहना है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार में पत्रकारों पर फर्जी मुक़दमें दर्ज हो रहे हैं।‌पुलिस की मनमानी बर्करार है।

इसहाक सैफी के पूरा मामले पर एक नजर डालते चले

नोएडा थाना 39 क्षेत्र के ग्राम सलारपुर में रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार इसहाक सैफी ने प्रार्थना पत्र के द्वारा इंसाफ की गुहार लगाते हुए अधिकारियों को चेतावनी दी है कि न्याय नहीं मिला तो करूंगा आत्मदाह, प्रार्थना पत्र में लिखा है कि “मैं इसहाक सैफी संपादक हिन्द की ज़मीन एवं वरिष्ठ पत्रकार उत्तर प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार हूं दिनांक 15 नवंबर 2019 को मेरे बड़े भाई यामीन के साथ करीब 15 से 20 लोग जिनमें महिला एवं पुरुष शामिल थे समय करीब 12:00 बजे दोपहर को यामीन पर जानलेवा हमला किया गया था उस समय मैं अपने ऑफिस सेक्टर 10 में था और मेरी पत्नी नसीम जहां अपने मायके गई थी तथा मेरी पुत्री शबनम एवं बेटा सोनू जिसकी उम्र करीब 12 वर्ष थी मेरी पत्नी के साथ सहीदनगर गए हुए थे तो 12:00 बजे के करीब मेरे भाई yameen ने मुझे झगड़े की जानकारी दी। तो मैंने यह सूचना पुलिस को 100 नंबर पर इसकी जानकारी दी तो पुलिस उन्हें यानी मेरे भाई यामीन को थाना सेक्टर 39 छोड़ कर आ गई तो इस झगड़े की सूचना मेरी पत्नी को हो गई तो यह सुनकर मेरी बेटी शबनम जो हमारे अखबार में सब एडिटर है तो सुनकर थाना सेक्टर 39 पहुंच गई तो है मेरा भाई यामीन दर्द से तड़प रहा था तो यह देखकर मेरी बेटी शबनम ने वहां मौजूद थाना अध्यक्ष नीरज मलिक मौजूद थे जिन से दवाई दिलाने का आग्रह किया जब वहां मौजूद स्टाफ और थानाध्यक्ष ने नहीं सुनी तो मेरी बेटी शबनम ने वहां वीडियो बनानी चाहिए तो वहां मौजूद समस्त स्टाफ ने मेरी बेटी की गर्दन दबा दी और फोन छीन लिया और मेरी बेटी को लॉकर में बिठा दिया जब इस बात की जानकारी मुझे मिली तो मैं अपने दो तीन साथियों को लेकर थाने पहुंचा और बेटी को लॉकर में बैठाने की जानकारी ली तो बताया गया कि यह लड़की वीडियो बना रही थी तो हमने पूछा कि जब आप लोग गलत नहीं कर रहे हो तो वीडियो से आप पर क्या फर्क पड़ रहा था तो उस समय थानाध्यक्ष ने गलती मानते हुए मेरी बेटी को छोड़ दिया और अपने भाई यामीन को कैलाश हॉस्पिटल मैं एडमिट करा दिया और मेरी और अन्य परिजन घर आ गए और मैं एक शादी समारोह में सेक्टर 22 चला गया फिर पुलिस ने उसी दिन रात में मेरे बा मेरे परिजनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली और हम लोगों को सुबह करीब 3:30 4:00 बजे मेरी पत्नी नसीम जहां मेरी तीनों बेटी शबनम सैफी शबाना सैफी रुबीना सैफी और मेरा बेटा सोनू उर्फ अयान सैफी व मुझे घर में सोते हुए लोगों को एक अपराधी की तरह उठाकर थाने ले गएऔर बैठाकर प्रताड़ित किया गया और 4:00 बजे शाम को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया रिपोर्ट दर्ज करने वाले स्थानीय पुलिस के मुखबिर थे जिनके खिलाफ अवैध धंधा करने की हिंद की जमीन अखबार में खबर प्रकाशित की गई थी जो अवैध कारोबार कर रहे थे उसमें स्थानी पुलिस भी मिली हुई थी जिसमें बौखला कर मेरे खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिए गए एक मुकदमा अपराध संख्या 10 /10 /2019 है जो अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया जो बाद में मेरा व मेरे भाई यामीन और फिरोज के नाम पंजीकृत किया गया दूसरा मुकदमा संख्या 1187/ 2019 जिसमें मैं और मेरा पूरा परिवार 28 दिन जेल काट कर आए इस मामले की जब मैंने संबंधित अधिकारियों से शिकायत की तो अवैध शराब के कारोबार से तत्कालीन चौकी इंचार्ज सतवीर सिंह संलिप्त पाए गए और उन्हें संबंधित अधिकारियों ने निलंबित भी किया गया तथा इसके बाद इसमें दिनेश मलिक द्वारा जांच की गई लेकिन जो तत्कालीन चौकी इंचार्ज के कहने पर अमल किया गया तथा इसके बाद इस मामले में चारों ने जांच की जो 22 महीने चली लेकिन मुझे कोई इंसाफ नहीं मिला अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि इन मुकदमों की जांच कराई जाए जबकि यह दोनों मुकदमे फर्जी दर्ज किए गए हैं और दोनों मुकदमे एक ही परिवार के अलग-अलग लोगों ने दर्ज कराई है अतः महोदय से मेरा विनम्र निवेदन है कि मुकदमे की जांच की थी डीसीपी स्तर से जांच करा कर मुझे 10 दिन में इंसाफ दिलाया जाए यदि मुझे इन मुकदमों में 10 दिन में न्याय नहीं मिला तो मैं कमिश्नर ऑफिस के सामने 30 मई को आत्मदाह करूंगा जिसकी जिम्मेदारी पुलिस विभाग की होगी”।

 

उपरोक्त मामले को देखते हुए सुप्रीम न्यूज परिवार द्वारा निर्णय लिया गया कि मामले के एक वरिष्ठ पत्रकार से जुड़ा हुआ होने के कारण “सुप्रीम न्यूज के संपादक” अपनी टीम के साथ ग्राम सलारपुर जाकर “हिंद की जमीन” समाचार पत्र के संपादक इसहाक सैफी प्रकरण का हल तलाशें।

 

इस पूरे मामले पर चर्चा में सप्रीम न्यूज परिवार के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री ऋषिपाल सिंह भाटी, एडवोकेट श्री अनिल कुमार भाटी, एडवोकेट श्री शेखर भाटी, एडवोकेट श्री सुमित भाटी, एडवोकेट श्री प्रवीण कुमार, श्री संजय भाटी संपादक सुप्रीम न्यूज, पत्रकार राजा मौर्या, पत्रकार सुशील त्यागी द्वारा गंभीर चिंतन किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी ने अपने अपने विचार रखे और अंत में सभी ने “श्री संजय भाटी” से पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए समस्या का समाधान कराने को कहा।

वहीं मामले की गम्भीरता को देखते हुए “रियल हेल्प ब्यूरो” के चेयरमैन “श्री तासीम अहमद” ने भी सुप्रीम न्यूज के संपादक श्री संजय भाटी से कई बार फोन कर मामले की जानकारी मांगी। जिसके चलते अब 30 मई से पहले ही “श्री संजय भाटी” अपनी टीम के साथ सलारपुर पहुंचेंगे।

 

  “श्री संजय भाटी” से इस मामले में बातचीत से पता चला कि वे इस मामले से संबंधित सभी पक्षों के संपर्क में हैं। वे लंबे समय से पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। गौतमबुद्धनगर में जनसरोकारों के लिए मीडिया और समाज में सभी जानते हैं कि उनका अंदाज सबसे अलग हटकर है। जिसके चलते उनकी एक अलग पहचान है। वे कानून और न्याय व्यवस्था के साथ-साथ पुलिस की कार्यशैली पर भी मजबूत पकड़ रखते हैं। उन्होंने बताया कि हमारी टीम पूरे मामले के सभी पहलुओं को गंभीरता से ले रही है। हम मामले में पुलिस से लेकर सभी पक्षों को साथ लेकर समस्या का हल तलाशेंगे। इस मामले में हिन्दी भाषी क्षेत्रों के संपादक और पत्रकार ‘श्री संजय भाटी’ से मामले में हस्तक्षेप करने की उम्मीद लगा हुए हैं। 

 

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