डासना जेल में बंदी पढ़ेंगे रमजान के पहले जुम्मे की नमाज, जेल प्रशासन ने किए ये खास इंतजाम

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डासना जेल में बंदी पढ़ेंगे रमजान के पहले जुम्मे की नमाज, जेल प्रशासन ने किए ये खास इंतजाम

 

गाजियाबाद। रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है। इस महीने में मुसलमान रोजे रखते हैं और खुदा की इबादत करते हैं। आज रमजान के रोजे का पहला जुम्मा है। जुम्मा वैसे भी खास होता है, लेकिन रोजो के दौरान इसकी अहमियत ज्यादा बढ़ जाती है। हर मुसलमान के लिए रमजान के पहले जुम्मे की नमाज काफी अहम होती है।

यूं तो जिले के मस्जिद, मदरसे पर मुस्लिम बहुल क्षेत्र में काफी भीड़ देखने को मिल रही है। लेकिन जो मुसलमान बंदी डासना जेल में अपनी सजा काट रहे हैं उनको भी जेल प्रशासन ने रब की इबादत के लिए मौका दिया है। जेल अधीक्षक आलोक कुमार ने बताया कि इन मुसलमान बंदियों के लिए बाहर से मौलाना साहब को बुलाया गया है, जो इन्हें नमाज पढ़ाएंगे।

 

जुम्मे की नमाज की होती है अहमियत

इस्लाम धर्म के अनुसार, हर रोज पांच बार नमाज अदा करना एक मुस्लिम के लिए जरूरी होता है। लेकिन काम में व्यस्त होने के कारण जो लोग ऐसे नहीं कर पाते हैं, वह शुक्रवार को जुम्मे के दिन रब की इबादत करते हैं। इस मौके पर कई मुसलमान एकत्रित होकर नमाज पढ़ते हैं। शुक्रवार का यह दिन मुसलमानों के बीच भाईचारे के लिए भी समर्पित माना जाता है।

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